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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ फिलीपीन के विवाद के बीच मंगलवार को कहा कि अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने में दक्षिणपूर्व एशियाई देश का भारत दृढ़ता से समर्थन करता है और वह रक्षा एवं सुरक्षा समेत सहयोग के नए क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशना चाहता है. जयशंकर ने मनीला में फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये टिप्पणियां कीं.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘फिलीपीन के मंत्री मनालो के साथ सार्थक मुलाकात हुई. राजनीति, रक्षा, सुरक्षा व समुद्री सहयोग, व्यापार व निवेश, बुनियादी ढांचा, विकास सहयोग, शिक्षा, डिजिटल, प्रौद्योगिकी, संस्कृति तथा दूतावास संबंधी क्षेत्रों में संबंध मजबूत बनाने पर व्यापक चर्चा हुई.’’ उन्होंने हिंद-प्रशांत, दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान), पश्चिम एशिया, यूक्रेन, गुट निरपेक्ष आंदोलन तथा संयुक्त राष्ट्र समेत वैश्विक, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार साझा किए.
जयशंकर ने कहा, ‘‘चूंकि दोनों लोकतंत्र नियम आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं, लिहाजा हमारा सहयोग गहरा बनाने के लिए उत्साहित हूं.’’ मनालो के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा ‘‘मैं इस अवसर पर दृढ़ता के साथ दोहराना चाहता हूं कि भारत राष्ट्रीय संप्रभुत्ता
को बनाए रखने में फिलीपीन का समर्थन करता है.’’ उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया के साथ यह आवश्यक है कि भारत और फिलीपीन उभरते विश्व को आकार देने में अधिक
निकटता से सहयोग करें. विदेश मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि प्रत्येक देश को अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने का अधिकार है.
दक्षिण चीन सागर पर हमारे दावे का सम्मान करे भारत: चीन
चीन ने मंगलवार को भारत से विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके संप्रभुता के दावों और समुद्री हितों का सम्मान करने का आग्रह किया और कहा कि "तीसरे पक्ष" को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपीन के बीच वर्तमान में विवाद है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यह बात यहां एक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब देते हुए कही.