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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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कांग्रेस की प्रादेशिक राजनीति, जमीनी नेता दिल्ली से बना रहे दूरी

The Fact India : देश की राजनीति में गांधी परिवार (Gandhi Family) , कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से अलग हो जाने के बाद भी कोई नया आमूलचूल परिवर्तन दिखने की संभावना नहीं के बराबर है |

मल्लिकार्जुन खड़गे ही नहीं सोनिया और राहुल गांधी (Gandhi Family) के सामने भी टीम बनाने में सबसे बड़ी बाधा यह है कि पार्टी का कोई भी बड़ा नेता प्रदेश छोड़ कर दिल्ली नहीं आना चाहता। राज्य में सरकार है तब भी और नहीं है तब भी | वे राज्य की राजनीति में ही खुश है। उनको लग रहा है कि वे वहां अपने हिसाब से काम कर सकते है और राज्य की सत्ता में आ जाने की संभावना ज्यादा है। उन्हीं राज्यों के नेता कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति में आना चाहते हैं, जहां कांग्रेस की कोई संभावना नहीं दिख रही है या पार्टी आलाकमान से ऐसी नजदीकी है कि प्रदेश में सत्ता मिलने पर सीधे दिल्ली से पैराशूट से राज्य में ड्रॉप कराए जा सकें। अन्यथा कांग्रेस का कोई बड़ा नेता दिल्ली नहीं आना चाहता।

2 साल बाद बिना पाबंदियां बजेंगी शहनाई

सोचें, जब कमलनाथ ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया और अशोक गहलोत भी खुद अध्यक्ष बनने की बजाय राहुल गांधी के अध्यक्ष बनाने की पैरवी कर रहे थे तो भला कौन बड़ा नेता महासचिव या उपाध्यक्ष बनने आएगा ? क्या सोनिया और राहुल गांधी सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार में से किसी को दिल्ली ला सकते हैं? क्या भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव में से कोई दिल्ली आने को राजी होगा? क्या अशोक चव्हाण या बाला साहेब थोराट में से कोई दिल्ली आएगा? क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा छोड़ कर दिल्ली की राजनीति करेंगे? झारखंड और बिहार दोनों के बड़े नेता राज्य में मंत्री हैं या बनने की जुगाड़ में हैं। सो, कांग्रेस के पास बहुत सीमित विकल्प हैं। पुराने नेता हैं, जो दशकों से कांग्रेस के लिए दिल्ली की राजनीति करते रहे हैं उन्हीं में से कुछ लोगों को आगे बढ़ाया जा सकता है। पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, प्रमोद तिवारी, कुमारी शैलजा जैसे कुछ चेहरे हैं, जो केंद्र की राजनीति में रुचि रखते होंगे।

डाॅ. प्रदीप चतुर्वेदी
94140 51834

[ये लेखक के अपने विचार है]

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