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सीजेआई बोले- हर भारतीय को देश में कहीं भी नौकरी करने, रहने का अधिकार; 35ए ने गैर-कश्मीरियों के तीन हक छीने, आज भी होगी सुनवाई
The Fact India: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने संविधान के अनुच्छेद 35ए पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे। लेकिन, इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए। इस आर्टिकल की वजह से अन्य राज्यों के लोगों के कश्मीर में नौकरी करने, जमीन खरीदने और बसने के अधिकारों का हनन हुआ। आर्टिकल 370 से जुड़ीं याचिकाओं की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में 28 अगस्त (सोमवार) को भी आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इसी हमले के बाद केंद्र को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे पूरी तरह भारतीय गणराज्य में मिलाने के बारे में सोचना पड़ा।
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के कई कानून लागू नहीं हो पाते थे। इसका कारण आर्टिकल 370 था। देश के संविधान में शिक्षा का अधिकार जोड़ा गया, लेकिन 370 की वजह से यह लागू नहीं हो पाया। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को बराबरी पर लाया गया।
उन्होंने कहा कि अब वहां केंद्र के कानून लागू हो रहे हैं। बिजनेसमैन वहां इन्वेस्ट करना चाहते हैं। टूरिज्म भी बढ़ रहा है। पहले वहां हाईकोर्ट के जज राज्य के संविधान की शपथ लेते थे। अब उन पर देश का संविधान लागू करने का दायित्व है।
सोमवार की सुनवाई शुरू होते ही सबसे पहले सीजेआई ने जम्मू-कश्मीर के एजुकेशन विभाग से सस्पेंड किए गए लेक्चरर जहूर अहमद भट के बारे में बात की। याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि जहूर भट 23 अगस्त को कुछ देर के लिए कोर्ट आए थे और 25 अगस्त को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
इस पर जजों ने चिंता जाहिर कर कहा कि बदला लेने की नीयत से तो ऐसा नहीं किया गया है। सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश दिया कि वे जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात करें और पता लगाएं कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ कोर्ट में दलीलें देने के कुछ दिन बाद ही भट को पद से क्यों हटाया गया।