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सीएम शिवराज और सिंधिया ने माधव नेशनल पार्क में छोड़े दो टाइगर
- March 10, 2023 Author : Santosh Pandey
The Fact India: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क में सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार दोपहर दो बाघों को छोड़ा। पार्क में बांधवगढ़ से एक बाघिन और सतपुड़ा से एक बाघ को लाकर छोड़ा गया। हालांकि पार्क में तीन बाघों को छोड़ा जाना था, लेकिन पन्ना से आने वाली बाघिन घायल है। इस कारण उसे नहीं छोड़ा जा सका। इस बाघिन को ठीक होने के बाद दो से तीन दिन में पहुंचाया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री और सिंधिया के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, वन मंत्री विजय शाह, सांसद केपी यादव, प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया भी मौजूद थे। बाघ छोड़े जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाघ मित्रों से बात की। उन्होंने कहा कि बाघ के यहां आने को लेकर आपने हमें दो चीजें बताई। एक तो इको सिस्टम बना रहेगा, संतुलन के लिए सब जरूरी है। दूसरा रोजगार बढ़ेगा। यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट आएंगे। इससे हजारों लोगों को यहां से रोजगार मिलेगा।
नेशनल पार्क प्रबंधन के अनुसार, बांधवगढ़ से बाघिन सुबह साढ़े 8 बजे, जबकि सतपुड़ा से बाघ सुबह 11 बजे शिवपुरी पहुंचा। माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि पार्क के बीच बलारपुर के कक्ष क्रमांक 112 में बाघों की देख-रेख के लिए 4 हजार हेक्टेयर का बड़ा एनक्लोजर (बाड़ा) बनाया गया है। बाड़े की ऊंचाई करीब 16 फीट है। तीनों बाघों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं। बाड़ों के अंदर बाघों के लिए 6-6 हजार लीटर पानी की क्षमता वाले सोसर बनाए गए हैं। इनमें पानी भरने के लिए बाहर से ही पाइप का कनेक्शन दिया गया है।
सीसीएफ शर्मा ने बताया कि बाघों की सुरक्षा के लिए माधव नेशनल पार्क में पुख्ता इंतजाम हैं। तीनों बाघों को सैटेलाइट कॉलर बीएचपी सुविधा के साथ लाया जा रहा है। नेशनल पार्क में वायरलेस सिस्टम लगाया गया है। वायरलेस के 6 फिक्स्ड स्टेशन, 11 माउंटेन वाहन और 90 हैंडसेट के जरिए निगरानी की जाएगी। बाघों के बनाए गए एनक्लोजर के इर्द-गिर्द लगभग 6 मचान भी बनाए गए हैं। विशेष रूप से तीन वाहनों व 18 स्टाफ को टाइगर ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इमरजेंसी में एक रेस्क्यू वाहन, एक डॉग स्क्वायड, उड़नदस्ता भी तैनात किया गया है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
तीनों बाघों को 10 से 15 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद स्थिति सामान्य रही तो उन्हें पार्क में खुला छोड़ दिया जाएगा। माधव नेशनल पार्क के ऐसी जगहों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जहां बाघ टेरेटरी बना सकते हैं। पार्क के झिरना क्षेत्र को माकूल जगह माना जा रहा है। क्योंकि यह ठंडा क्षेत्र है। यहां झरना होने के चलते पानी भी पर्याप्त मात्रा में है। झरना होने के कारण अन्य जानवर भी यहां पानी पीने आते हैं। इसके चलते बाघ इस क्षेत्र में आसानी से शिकार कर सकेंगे।
सतपुड़ा से आ रहे नर बाघ की उम्र करीब 3 साल है, लेकिन कद-काठी में वह वयस्क टाइगर की तरह दिखता है। उसकी हाइट और वजन अच्छा है। वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि माधव नेशनल पार्क में एक मेल और फीमेल टाइगर को छोड़ा गया है। इसके बाद तीन और बाघों को यहां रिलीज किया जाएगा। अभी पांच टाइगर को छोड़ने का प्लान है। यह ग्वालियर और झांसी के बीच में है, इस कारण यहां टूरिज्म को खूब बढ़ावा मिलेगा।
- Post By Santosh