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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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कर्नाटक में हार की स्थानीय इकाई की रिपोर्ट से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं, नतीजों के लिए जिम्मेदारी तय होगी, नड्डा देंगे रिपोर्ट

कर्नाटक में हार की स्थानीय इकाई की रिपोर्ट से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं, नतीजों के लिए जिम्मेदारी तय होगी, नड्डा देंगे रिपोर्ट
Santosh Pandey
May 16, 2023

The Fact India: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को लेकर पार्टी में मंथन जारी है। कर्नाटक भाजपा इकाई ने हार की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्‍व को सौंप दी। लेकिन राज्‍य भाजपा इकाई के जवाबों से केंद्रीय नेतृत्‍व संतुष्‍ट नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा कर्नाटक में करारी हार की रिपोर्ट इसी हफ्ते सौंपेंगे। पार्टी ने इस हार को सामूहिक विफलता की श्रेणी के बाहर रखा है। इसका म‍तलब यह हुआ कि हार के लिए सभी को दोषी नहीं ठहराया जाएगा। हार की सभी वजहों और चूक के लिए जिम्मेदारी तय होगी।

 

भाजपा के सूत्रों ने बताया है कि कर्नाटक में चुनाव से पहले शीर्ष नेतृत्‍व ने ऐसी कई कमियों को बार-बार चुनाव प्रबंधन को बताया और सचेत किया। येदियुरप्पा को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने से लेकर, सीएम बसवराज बोम्मई को फ्री हैंड नहीं दिए जाने, टिकट बंटबारे में दिक्कत और नेताओं की आपसी टकराव जैसे मुद्दों को ठीक करने की जिम्मेदारी जिस टीम पर थी, उसने इसमें चूक या पेश आ रही दिक्कत के बारे में शीर्ष नेतृत्व को नहीं बताया।

 

पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि स्‍थानीय इकाई से केंद्रीय नेतृत्व ने कई सवाल किए हैं। इनमें पूछा गया कि जेडीएस के वोट में गिरावट का लाभ भाजपा को क्यों नहीं मिला। लिंगायत वोट कैसे टूटा और तटीय कर्नाटक में भाजपा पुराना प्रदर्शन क्यों नहीं दोहरा सकी? केद्रीय नेतृत्‍व के इन सवालों का जवाब स्थानीय इकाई के पास नहीं मिला। चुनाव प्रबंधन से जुड़े लोगों ने हर सकारात्मक मुद्दा गंवा दिया और यह मान बैठे की पीएम नरेंद्र मोदी के दम पर सत्ता में वापसी कर लेंगे, जबकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम ने दो टूक कहा था कि सिर्फ मोदी के भरोसे चुनाव जीतने की न सोचें।

 

कर्नाटक की हार के साथ ही भाजपा के मिशन दक्षिण की बुनियाद दरक गई है। देश की राजनीति में दक्षिण के पांच राज्यों (कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र और तेलंगाना) की हिस्सेदारी करीब 22-24 फीसदी है। दक्षिण भारत में विधानसभा की करीब 900 और लोकसभा की 130 सीटें हैं। भाजपा के पास अभी दक्षिण से 29 सांसद हैं और पार्टी ने इस बार 60 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। मगर इस रास्ते में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि दक्षिण में कोई स्थानीय कद्दावर नेता न होना। येदियुरप्पा के रूप में एकमात्र मजबूत नेता कर्नाटक में हैं, पर वे भी सक्रिय सियासत से विदा हो चुके हैं।

कर्नाटक में हार की स्थानीय इकाई की रिपोर्ट से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं, नतीजों के लिए जिम्मेदारी तय होगी, नड्डा देंगे रिपोर्ट

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