Dark Mode

Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

View Results
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

View Results
सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

View Results
समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!

चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 से कहा- स्वागत है दोस्त; इसरो ने पृथ्वी से नहीं दिखने वाले चांद के इलाके की तस्वीर शेयर की, 23 अगस्त को सेफ लैंडिंग

चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 से कहा- स्वागत है दोस्त; इसरो ने पृथ्वी से नहीं दिखने वाले चांद के इलाके की तस्वीर शेयर की, 23 अगस्त को सेफ लैंडिंग
Santosh Pandey
August 21, 2023

The Fact India: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने सोमवार को देशवासियों को एक खुशखबरी सुनाई। इसरों ने बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से संपर्क साध लिया है टु-वे कम्युनिकेशन के स्थापित होने के बाद ऑर्बिटर ने लैंडर से कहा- 'स्वागत है दोस्त!'। इसरो ने कहा है कि अब मिशन कंट्रोल सेंटर कई तरह से विक्रम लैंडर पर नजर रख पाएगा।

 

चंद्रयान-3 के लैंडर से संपर्क स्थापित करने के लिए इसरो ने दो माध्यमों का सहारा लिया है। पहला तो ये है कि चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा गया। उसकी जगह प्रोपल्शन मॉड्यूल भेजा गया है, जिसका मकसद सिर्फ चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को चांद के नजदीक पहुंचाना था। इसके अलावा लैंडर और बेंगलुरु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क के बीच संपर्क स्थापित करना था। 

 

इमरजेंसी के लिए इसरो ने अलग तैयारी की थी। ये एकतरह के बैकअप प्लान है, जिसमें चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से चंद्रयान-3 के लैंडर को जोड़ना था ताकि किसी तरह की दिक्कत आने पर चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे पुराने ऑर्बिटर के जरिए संपर्क स्थापित किया जा सके। अब इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क सेंटर और टेलिमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क दो तरह से विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित कर पाएगा।

 

इसरो ने चंद्रमा की फार साइड यानी ऐसा इलाका जो पृथ्वी से कभी नहीं दिखता, उसकी तस्वीरें शेयर की हैं। इसे चंद्रयान-3 में लगे लैंडर हैजार्ड डिटेक्शन एंड एवॉयडेंस कैमरे (एलएचडीएसी) से 19 अगस्त 2023 को खींचा गया है। यह कैमरा लैंडर को सेफ लैंडिंग एरिया लोकेट करने में मदद करेगा।

 

चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे एम. अन्नादुरई के मुताबिक, 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान-3 के लैंडर को 25 किमी की ऊंचाई से चांद की सतह तक पहुंचने में 15 से 20 मिनट लगेंगे। यही समय सबसे क्रिटिकल होने वाला है। इसके बाद विक्रम लैंडर से रैंप के जरिए छह पहियों वाला प्रज्ञान रोवर बाहर आएगा और इसरो से कमांड मिलते ही चांद की सतह पर चलेगा। इस दौरान इसके पहिए चांद की मिट्‌टी पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ेंगे।

 

अगर भारत का चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुल होता है तो वो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 को 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे 25 किमी की ऊंचाई से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी।

चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 से कहा- स्वागत है दोस्त; इसरो ने पृथ्वी से नहीं दिखने वाले चांद के इलाके की तस्वीर शेयर की, 23 अगस्त को सेफ लैंडिंग

You May Also Like