Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
डीसीजीआई ने चेताया, भारत में लिवर-कैंसर की बिक रही है नकली दवा; आठ अलग-अलग नकली वर्जन मौजूद, मरीजों को सावधान रहने की सलाह
The Fact India: भारत में लिवर और कैंसर की नकली दवा बिक रही है। लिवर की दवा डिफिटेलियो और कैंसर का इंजेक्शन एडसेट्रिस बाजार में धड़ल्ले से नकली बिक रही है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने इसकी जानकारी देते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर को इन दवाओं पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। डीसीजीआई ने स्टेट ड्रग कंट्रोलर को एक लेटर भेजा है, जिसमें इस दवा के कम से कम आठ अलग-अलग नकली वर्जन मौजूद होने की बात कही गई है।
इस बारे में जानकारी सामने आने के बाद डीजीसीआई ने डॉक्टरों से मरीज को दवा लिखते वक्त सावधान रहने की सलाह दी है। साथ ही मरीज को इस बारे में जागरूक करने का सुझाव दिया, जिससे मरीज दवा का रिएक्शन होने पर तुरंत अस्पताल आए।
4 सितंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इन दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि दवाओं के नकली वर्जन की पहचान भारत में अप्रैल 2023 में हुई थी। तुर्किये में जुलाई 2023 में इसके मौजूद होने की जानकारी मिली।
इसके बाद 5 सितंबर को डीसीजीआई ने बताया कि भारत सहित चार देशों में एडसेट्रिस इंजेक्शन के 50 मिलीग्राम के कई नकली वर्जन मौजूद हैं, जिसे टेकेडा फार्मास्युटिकल कंपनी लिमिटेड बनाती है। ये दवाएं अक्सर मरीज को निजी स्तर पर उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनकी सप्लाई मुख्य रूप से ऑनलाइन होती है।
6 सितंबर को डीसीजीआई ने एक और एडवाइजरी जारी की, जिसमें डिफिटेलियो (डिफाइब्रोटाइड) 80 मिलीग्राम कॉन्संट्रेट के लिए 4 सितंबर को डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी सुरक्षा चेतावनी का जिक्र किया गया था।
डीसीजीआई ने स्टेट और रीजनल अथॉरिटी ऑफिसर्स को भी इस बारे में निर्देश जारी करने को कहा है, जिससे बाजारों में इन दवाएं की सेल, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टॉक पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही मार्केट में मौजूद दवाओं के नमूने लेकर जरूरी कार्रवाई शुरू करने की बात भी कही गई है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की हेल्थ बॉडी ने कहा कि डिफिटेलियो दवा के नकली वर्जन के इस्तेमाल से मरीज पर इलाज का असर नहीं होता, साथ ही कई गंभीर खतरे भी हो सकते हैं। कई स्थितियों में तो यह दवा लेने से मरीज की मौत भी हो सकती है।