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चांद के दक्षिणी ध्रुव पर हुआ सवेरा, कल चंद्रयान-3 को फिर जगाएगा इसरो; स्लीप मोड में हैं विक्रम लैंडर और प्रज्ञान, 14 दिनों के लिए था चंद्रयान मिशन
The Fact India: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कल (शुक्रवार) चंद्रयान-3 को जगाने की कोशिश करेगा। चांद के दक्षिण ध्रुवीय हिस्से पर 14 दिनों के बार फिर सूरज की रोशनी पहुंचने लगी है। इसरो के मुताबिक, लैंडर और रोवर के सोलर पैनल पर सूरज की रोशनी पड़ते ही ये काम करना शुरू कर सकते हैं। इसरो स्लीप मोड पर डाले गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से 22 सितंबर को संपर्क करने की कोशिश करेगा।
बता दें कि इसरो ने 2 सितंबर को प्रज्ञान रोवर और 4 सितंबर को विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में डाल दिया था। लैंडर ने स्लीप मोड में जाने से पहले पेलोड्स के जरिए चांद पर नई जगहों की जांच-पड़ताल की थी। उसके बाद ही विक्रम लैंडर को सोने का कमांड दिया गया। फिलहाल सारे पेलोड्स बंद हैं। सिर्फ रिसीवर ऑन है, ताकि वह बेंगलुरु से कमांड लेकर फिर से काम कर सके।
चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी के 14 दिन चांद पर धरती के एक दिन के बराबर होता है। इतनी ही बड़ी रात होती है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रात के दौरान तापमान माइनस 238 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। रोवर-लैंडर सूर्य की रोशनी में तो पावर जनरेट कर सकते हैं, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।