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मध्य प्रदेश के डॉक्टर तीन मई से जा सकते हैं हड़ताल पर, प्रदेश सरकार को दी चेतावनी, बोले-हमारी मांगे जल्द पूरी करें, नहीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल
- April 19, 2023 Author : Santosh Pandey
The Fact India: प्रशासनिक दखलअंदाजी पर अंकुश, पुरानी पेंशन बहाली, सातवां वेतन आयोग जैसी मांगे पूरी नहीं होने पर एक बार फिर से मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के लगभग 10 हजार डॉक्टर तीन मई से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टाफ भी देगा। ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ना तय है। अपनी मांगें पूरी नहीं होने से प्रदेश के डॉक्टर शिवराज सरकार से नाराज चल रहे हैं।
डॉक्टरों ने एक बार फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है। लेकिन उससे पहले मंगलवार से दो मई तक स्मरण दिवस मनाते हुए उन्होंने विरोध का नया तरीका खोज निकाला है। तीन मई से हड़ताल की चेतावनी दी है। डॉक्टर ओपीडी में आने वाले मरीजों के पर्चे पर दवा के साथ-साथ अपना दर्द भी लिख रहे हैं। अपनी मांगें पूरी न होने पर डाक्टरों ने एक फैसला लिया है कि वे 18 अप्रैल से दो मई तक हर दिन स्मरण दिवस मनाएंगे। अस्पतालों की ओपीडी और निजी प्रैक्टिस के दौरान आने वाले मरीजों को पर्चे पर दवा के साथ साथ अपना दर्द भी बयां करेंगे। इसकी शुरुआत ग्वालियर के जीआरएमसी के डॉक्टरों ने कर दी है। मंगलवार को आने वाले मरीजो को दवा के साथ डॉक्टर ने अपनी मांगे भी लिखीं हैं।
ग्वालियर के जीआरएमसी से सम्बद्ध जयारोग्य अस्पताल समूह के अस्पतालों की ओपीडी में डॉक्टरों ने दवा के पर्चे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना वादा याद दिलाते हुए लिखा है कि वादा पूरा करें सरकार नहीं तो होगी हड़ताल। बता दें कि मुख्यमंत्री द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन के आदेश निकालने में शासन के अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। इसी वजह से महासंघ ने फिर से आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
शासकीय स्वशासी चिकित्सा महासंघ मध्य प्रदेश मुख्य संयोजक, डॉ सुनील अग्रवाल का कहना है कि 17 फरवरी 2023 मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के आश्वासन पर डॉक्टरों ने आंदोलन स्थगित कर दिया गया था। उसी दिन निर्मित उच्च स्तरीय समिति को एक महीने में अपना प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को देना था। तत्पश्चात उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन पर त्वरित शासन के आदेश निकालने की बात पर डॉक्टरों ने आंदोलन स्थगित किया था। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई आदेश नहीं निकाले गए हैं। इसलिए महासंघ सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए आंदोलन की राह पर चल पड़ी है।
- Post By Santosh