Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
ज्ञानवापी के विवादित हिस्सेे को छोड़कर बाकी कैंपस को होगा एएसआई सर्वे, कोर्ट ने दी मंजूरी; मुस्लिम पक्ष की रोक लगाने की याचिका खारिज
The Fact India: वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी के विवादित हिस्से को छोड़कर बाकी कैंपस का एएसआई सर्वे की मंजूरी दे दी। वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। 14 जुलाई को करीब डेढ़ घंटे तक हुई बहस के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी।
वाराणसी कोर्ट में 14 जुलाई को हुई सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि ज्ञानवापी आदिविश्वेश्वर का मूल स्थान है। यह लाखों लोगों की भावनाओं से जुड़ा है। पिछले सर्वे के दौरान पश्चिमी दीवार पर मिले निशान और अवशेषों ने बताया कि यह मंदिर की दीवार है। मौखिक सबूतों के आधार पर कोई पक्ष नहीं रखा जा सकता, इसलिए सर्वे अनिवार्य है। हम संपूर्ण परिसर के सर्वे की मांग को उठा रहे हैं। मंदिर को लेकर बताने वाला कोई जिंदा नहीं है, लेकिन इतिहास है, जो बहुत कुछ कह रहा है।
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि यहां पहले से मस्जिद थी, जिसे किसी धार्मिक स्थल के स्थान पर नहीं बनाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनकर फैसला सुरक्षित कर लिया था।
जिला जज से हिंदू पक्ष के वकील ने निवेदन किया था कि ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराना जरूरी है। ज्ञानवापी मामले को लेकर उपजे तनाव का सौहार्दपूर्ण समाधान वैज्ञानिक तथ्य सामने आने पर हो जाएगा। मुस्लिम पक्ष को भी इस पर तैयार होना चाहिए और सर्वे से किसी भी तरह की वर्तमान स्थिति को क्षति नहीं होगी।
हिंदू पक्ष के वकील ने निवेदन किया था कि आर्कोलॉजी के विशेषज्ञ रडार पेनिट्रेटिंग, एक्सरे पद्धति, रडार मैपिंग, स्टाइलिस्ट डेटिंग आदि पद्धति का प्रयोग कर सकते हैं। स्टाइलिस्ट डेटिंग में किसी संरचना के निर्माण शैली से उसके सदियों पुराने स्थिति का आकलन कर पुरातत्व के विशेषज्ञ स्पष्ट और प्रमाणित कर देते हैं कि उस संरचना का कौन-सा काल खंड है। ज्ञानवापी परिसर में किस काल खंड में कौन-सी संरचना से मंदिर बना था, यह भी रिपोर्ट में होगा।