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सु्प्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित; दोनों पक्षों को तीन दिन तक दलील लिखित में देने की छूट, 16 दिन हुई सुनवाई
The Fact India: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रही 16 दिनों से सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के खिलाफ 23 याचिकाए दाखिल की गई थीं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस संजीव खन्ना की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई की।
सु्प्रीम कोर्ट में मंगलवार को मामले की सुनवाई शुरू होते ही सबसे पहले नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन के हलफनामे पर चर्चा की। सुप्रीम कोर्ट को सॉलिसिटर तुषार मेहता ने बताया कि कल रात उन्हें अकबर लोन का हलफनामा मिला है। उसमें साफ दिख रहा है कि जब आतंकी हमला हुआ था, तो लोन की सहानुभूति सिर्फ आतंकियों और सिविलयन लोगों के लिए थी। उन्होंने भारत का जिक्र ऐसे किया है, जैसे ये कोई विदेशी देश हो।
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लोन के हलफनामे में ये बात होनी चाहिए कि वे इस बयान को वापस ले रहे हैं। वे आतंक का समर्थन नहीं करते हैं। वे किसी अलगाववादी गतिविधि का समर्थन नहीं करते हैं।
इसके बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के वकील राजीव धवन ने सु्प्रीम कोर्ट से दलील में ये बात कही कि आर्टिकल 370 एक समझौता है। संविधान में आपको कई समझौते मिलेंगे। उदाहरण के लिए अनुच्छेद 25 को लें, तो सिखों को अपने खंजर ले जाने की अनुमति है। आप उससे छुटकारा पाना चाहते हैं? आपको एक संवैधानिक संशोधन करना होगा। यह एक समझौता है, पूरी छठी अनुसूची एक समझौता है।
राजीव धवन ने कहा कि यह कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को मान्यता नहीं है। जबकि यह वास्तव में जम्मू-कश्मीर संविधान में मौजूद है। अनुच्छेद 3 में यह एक अनिवार्य प्रावधान है कि आपको पुनर्गठन के लिए कोई भी विधेयक उस विधानमंडल में प्रसारित करना होगा। यह सच है कि केंद्र आपकी सभी सिफारिशों से बंधा नहीं है और बाद में बदलाव हो सकते हैं।
अंत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम फैसला सुरक्षित रख रहे हैं। अगर कोई पक्ष मामले में कुछ और कहना चाहता है तो वह अगले तीन दिनों तक कोर्ट को लिखित में दे सकता है।