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जम्मू में भारतीय वायुसेना ने रचा इतिहास, पहली बार हुआ एयर शो, जम्मू–कश्मीर के भारत में विलय के 76 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर आयोजन
The Fact India: पहली बार जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में भारतीय वायुसेना का एयर शो हुआ। इस एयर शो में सूर्य किरण एरौबैटिक टीम हॉक एमके 132 विमान से देश की ताकत दिखाई। हालांकि खराब मौसम के कारण भारतीय वायुसेना के एयर वॉरियर सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा शो नहीं हो सका। इस शो को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के 76 साल पूरे होने और जम्मू वायु सेना स्टेशन की डायमंड जुबली पर पहली बार इस तरह के शो का आयोजन किया गया।
शो में एमआई-17 हेलिकॉप्टर के डिस्पले के साथ एयर वॉरियर ड्रिल टीम, आकाशगंगा डेयरडेविल स्काई डाइविंग टीम आसमान में करतब दिखाए। सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के विंग कमांडर सिधेश कार्तिक ने बताया कि यह 25 मिनट के शो को दो भागों में परफॉर्म किया गया।
पहले भाग में 9 विमानों के साथ अलग-अलग फॉर्मेशन बनाए गए और वॉरफेयर दिखाया गया जबकि दूसरे भाग में एरोबैटिक टीम खुद को छोटी यूनिट्स में बांटकर और ज्यादा रोमांचक स्टंट करने के लिए जमीन के करीब आई। इन स्टंट्स से ये बताने की कोशिश की गई कि एक आधुनिक लड़ाकू विमान क्या कर सकते हैं।
इससे पहले, 15 सितंबर को राजस्थान के जयपुर में जलमहल के ऊपर आईएएफ के 9 हॉक विमानों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए थे। करीब एक घंटे तक सूर्य किरण एरोबेटिक टीम ने एयर शो किया था। इसमें तीन पायलट जयपुर के थे। सभी विमानों ने जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी।
साल 1996 में सूर्य किरण की स्थापना हुई थी। सूर्य किरण वायुसेना की 52वें स्क्वाड्रन का हिस्सा है। ये टीम इंडियन एयरफोर्स की एयरोबैटिक्स प्रदर्शन टीम है। इस टीम में 13 पायलट होते हैं। इसमें से केवल 9 एक साथ उड़ान भरते हैं। केवल लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पायलटों को इसके लिए चुना जाता है।
इनके पास किरण एयरक्राफ्ट चलाने का 1,000 घंटे और लगभग 2,000 घंटे की लड़ाकू उड़ान का अनुभव होता है। पायलटों के अलावा टीम में फ्लाइट कमांडर, एक प्रशासक और क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होते हैं। यह टीम देश के कई हिस्सों में एयर शो के जरिए हवा में करतब दिखा चुकी है।