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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
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Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
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Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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कूनो में तीन चीतों के गर्दन में इंफेक्शन, पवन चीते का हो रहा इलाज, अन्य दो को पकड़ा नहीं गया; इंफेकशन से ही सूरज-तेजस की मौत हुई

कूनो में तीन चीतों के गर्दन में इंफेक्शन, पवन चीते का हो रहा इलाज, अन्य दो को पकड़ा नहीं गया; इंफेकशन से ही सूरज-तेजस की मौत हुई
Santosh Pandey
July 18, 2023

The Fact India: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तीन चीतों को इन्फेक्शन हो गया है। पवन सहित तीन चीतों को कॉलर आईडी या आपसी संघर्ष की वजह से घाव हुए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि घाव में कीड़े पड़ गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। बताया गया कि चीता पवन बाड़े में है। दो दिन पहले उसे ट्रैंकुलाइज कर इलाज शुरू किया गया। अन्य दो चीते जंगल में हैं, उन्हें अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है।

 

कूनो डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) प्रकाश वर्मा के मुताबिक, चीता पवन की गर्दन पर घाव होने से उसमें इन्फेक्शन हो गया है। वहीं कूनो नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने चीतों को इन्फेक्शन होने की खबर को भ्रामक बताया है।

 

यह भी कहा जा रहा है कि घाव में कीड़े पड़ गए हैं। लेकिन इसकी जानकारी देरी से लगी थी। इस वजह से तत्काल उपचार नहीं हो पाया। इसलिए इन्फेक्शन बढ़ गया। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। कूनो प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार चीता पवन महीनेभर से भी ज्यादा समय से बड़े बाड़े में था। पवन शिवपुरी की ओर चला गया था, जिसे ट्रैंकुलाइज कर कूनो लाया गया था, तब से वह बाड़े में था।

 

दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता सूरज की 7 जुलाई को, जबकि नर चीता तेजस की 11 जुलाई को मौत हो गई थी। एक हफ्ते में दो चीतों की मौत का कारण उनके गले में पहनाए गए रेडियो कॉलर से हुआ इन्फेक्शन है।

 

दक्षिण अफ्रीकी चीता मेटापॉपुलेशन विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने हाल ही में कहा था कि रेडियो कॉलर के कारण गर्दन के आसपास नमी बनी रही और बैक्टीरिया पैदा हो गए। इस कारण चीतों को सेप्टीसीमिया हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई। मेरवे ने बताया कि दोनों नर चीतों की मौत सेप्टीसीमिया के कारण हुई है। सेप्टीसीमिया एक गंभीर ब्लड इन्फेक्शन है। इससे खून में जहर बनने लगता है।

कूनो में तीन चीतों के गर्दन में इंफेक्शन, पवन चीते का हो रहा इलाज, अन्य दो को पकड़ा नहीं गया; इंफेकशन से ही सूरज-तेजस की मौत हुई

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