Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
गुवाहाटी हाईकोर्ट में होगा मणिपुर हिंसा के मामलों का ट्रायल; सुप्रीम कोर्ट का आदेश- आरोपियों की पेशी-रिमांड ऑनलाइन हो, स्पेशल जज नियुक्त हों
The Fact India: मणिपुर में हिंसा के मामलों का ट्रायल पड़ोसी राज्य असम के हाईकोर्ट में होगा। यह आदेश शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दी है। इसके लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय की तरफ से निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं, जिन मामलों की जांच सीबीआई के हवाले है, उनके ट्रायल के लिए स्पेशल जज की नियुक्ति के निर्देश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिए। मणिपुर पुलिस के मुताबिक पिछले 24 घंटे में राज्य में प्रदर्शनकारियों के जुटने से छिटपुट घटनाओं से हालात तनावपूर्ण थे। मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 123 नाके या चौकियां बनाए गए हैं।
पीड़ितों के वकील कॉलिन गोंसाल्वेस, चंदर उदय सिंह, इंदिरा जयसिंह और वृंदा ग्रोवर ने केस को असम ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई। गोंसाल्वेस ने कहा कि मुकदमे उन जगहों पर होने चाहिए जहां अपराध हुए थे। पीड़ितों को असम जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। इंदिरा जयसिंह ने कहा कि यह सॉलिसिटर जनरल के पहले दिए गए आश्वासन के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सुझावों को मानते हुए मणिपुर हिंसा के मामले गुवाहाटी हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के आदेश जारी किए। हिंसा के 20 मामलों की जांच सीबीआई के 53 अफसर कर रहे हैं। इनमें 29 महिलाएं शामिल हैं। इन अफसरों को देशभर के सीबीआई ऑफिस से इकट्ठा किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर आरोपियों की पेशी, रिमांड ऑनलाइन होगी। इसके अलावा 164 के तहत गवाहों और पीड़ितों के बयान भी स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने मणिपुर में दर्ज होंगे। आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी मणिपुर में दी जाएगी।
कोर्ट ने मणिपुर सरकार को निर्देश दिया कि सीबीआई मामलों की सुनवाई को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रॉपर इंटरनेट सर्विस प्रदान करें। अगर पीड़ित, गवाह और आरोपी कोर्ट में ऑनलाइन मौजूद नहीं होना चाहते तो उन्हें कोर्ट में फिजिकल अपियरेंस की परमिशन है।
गुरुवार को सुरक्षा बलों ने राज्य में कई जगह तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान इंफाल ईस्ट और वेस्ट के जिलों से चार बंदूकें, 38 कारतूस और 8 बम बरामद किए। पुलिस के मुताबिक इंफाल ईस्ट-वेस्ट के अलावा काकचिंग, कांगपोकपी और थौबल जिलों के संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया था।
राहुल गांधी के बयान पर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर वे लद्दाख में हैं तो वे लद्दाख के बारे में बोलें। मणिपुर के बारे में नहीं। आज मणिपुर में जो हो रहा है वह सब कांग्रेस का किया हुआ है।