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मणिपुर हिंसा: कुकी जनजाति ने सुप्रीम कोर्ट से आर्मी प्रोटेक्शन की मांग की; सीएम एन बीरेन बोले- हिंसा रोकें वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहें
The Fact India: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कुकी जनजाति ने सुप्रीम कोर्ट से आर्मी प्रोटेक्शन देने की मांग की। इस संबंध में एनजीओ मणिपुर ट्राइबल फोरम ने एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है, पर कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने तीन जुलाई को सुनवाई करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और एम एम सुंदरेश की वैकेशनल बेंच ने कहा कि हिंसा राज्य के कानून-व्यवस्था का मामला है।
उधर केंद्र सरकार ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियां जमीन पर हैं और स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं। राज्य तीन मई से कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। 49 दिनों से जारी हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 300 से ज्यादा लोग घायल हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग सेल्टर होम में रह रहे हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा रोकें, वरना परिणाम भुगतने तैयार रहें। मैं हथियारों से लैस मैतेई लोगों से भी अपील करता हूं कि वे किसी पर हमला न करें और शांति बनाए रखें ताकि हम राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकें।
सीएम बीरेन सिंह ने ये बात 18-19 जून की रात कांटो सबल से चिंगमांग गांव की तरफ की गई गोलीबारी में घायल भारतीय सेना के जवान को लेकर कही। उन्होंने यह भी कहा कि वे सुरक्षा की समीक्षा करेंगे कि ये घटना कैसे हुई। सीएम बीरेन सिंह ने राहत कैंपों का दौरा किया। वे बिरहारी कॉलेज, खुंद्राकपम और हिंगांग में पहुंचे।
राहत शिविरों में पीड़ितों से मिलने के बाद बीरेन सिंह ने कहा कि मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया, लेकिन अभी और लोग भी पीड़ित हैं। राज्य सरकार उनके लिए प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण करने जा रही है। लगभग 3000-4000 घर बनाए जाएंगे। हम उस जगह की तलाश कर रहे हैं जहां निर्माण किया जा सके।