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आज केरल पहुंचेगा मानसून, कल से राज्य में भारी बारिश का अनुमान; मौसम विभाग की इस साल देश में सामान्य बरसात होने की उम्मीद
The Fact India: कल (5 मई) केरल में इस साल के मानसून की पहली बारिश हो सकती है। रविवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल की समुद्री सीमा में प्रवेश कर चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) कुछ ही घंटों में इसके केरल पहुंचने की घोषणा कर सकता है। आमतौर पर 1 जून को मानसून केरल में दस्तक देता है। 2022 में 29 मई को मानसून केरल पहुंचा था। 2021 में यह एक जून को पहुंच गया था।
मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। अगर बारिश सामान्य रहती है तो देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन नॉर्मल रहेगा। इससे महंगाई से राहत मिल सकती है। देश में किसान आमतौर पर 1 जून से गर्मियों की फसलों की बुआई शुरू करते हैं। ये वो समय होता है जब मानसून की बारिश भारत पहुंचती है। फसल की बुआई अगस्त की शुरुआत तक जारी रहती है।
देश में मानसून आने की घोषणा तब की जाती है जब केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक में मानूसन की शुरुआत की घोषणा करने वाले 8 स्टेशनों में लगातार दो दिनों तक कम से कम 2.5 मिमी बारिश हो। आईएमडी ने सोमवार से केरल में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। दक्षिण-पश्चिम मानसून अब लक्षद्वीप और दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ रहा है।
रविवार को आईएमडी ने अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, केरल, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, रायलसीमा और कर्नाटक में कुछ जगहों पर बिजली कड़कने और तेज हवाओं के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। केरल के पठानमथिट्टा और इडुक्की जिलों में भी सोमवार तक के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
आईएमडी ने बताया कि लांग पीरियड एवरेज (एलपीए) की 96 फीसदी बारिश हो सकती है। यदि बारिश एलपीए के 90-95 प्रतिशत के बीच होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। एलपीए 96-104 प्रतिशत हो तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है। एलपीए अगर 104 से 110 फीसदी के बीच है तो इसे सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110 प्रतिशत से ज्यादा को एक्सेस बारिश और 90 फीसदी से कम बारिश को सूखा पड़ना कहा जाता है।