Dark Mode

Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

View Results
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

View Results
सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

View Results
समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!

प्रज्ञान रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के होने की पुष्टि की; सल्फर-एल्युमिनियम सहित आठ तत्व मौजूद, हाइड्रोजन की खोज जारी

प्रज्ञान रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के होने की पुष्टि की; सल्फर-एल्युमिनियम सहित आठ तत्व मौजूद, हाइड्रोजन की खोज जारी
Santosh Pandey
August 29, 2023

The Fact India: चंद्रयान-3 ने चांद पर ऑक्‍सीजन के होने की पुष्टि की है। प्रज्ञान रोवर ने अपना दूसरा ऑब्‍जर्वेशन भेजा है। इसके मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर ऑक्‍सीजन, सल्‍फर, कैल्शियम, आयरन, मैगनीज, एल्‍युमिनियम, सिलिकॉन, क्रोमियम और टाइटेनियम माजूद है। हालांकि अभी हाइड्रोजन के बारे में जानकारी नहीं मिली है। उसकी खोज जारी है।  प्रज्ञान रोवर पर लगे लिब्स पेलोड ने ये खोज की हैं।

 

इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर को लेकर एक ताजा अपडेट दिया है। इसरो ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट पर पोस्ट कर बताया कि रोवर अब चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने की राह पर है। 

 

इसरो ने बताया कि रोवर प्रज्ञान में लगे उपकरण से चंद्र-चट्टान को लेजर से जलाकर सल्फर सहित 9 धातु व खनिजों की पुष्टि की गई है। इस उपलब्धि को भविष्य के खगोल अभियानों व चंद्रमा पर बेस बनाने की महत्वाकांक्षा के लिए अहम माना जा रहा है।

 

इसरो ने यह भी बताया कि रोवर पर लगे लेजरयुक्त ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (लिब्स) उपकरण ने जो काम किया, वह इसरो के अनुसार ऑर्बिटर (परिक्रमा करने वाले) अभियान में भेजे किसी भी उपकरणों से करना कतई संभव नहीं था। चंद्र सतह पर उतर कर पहली बार उपकरण ने यह प्रयोग किया गया। 

 

कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि यह एक संकेत भी है कि चंद्र सतह के नीचे पानी के भंडार हो सकते हैं। इसरो ने रविवार को इस नई जानकारी के बारे में लिखा था कि 'विक्रम' लैंडर ने चंद्र सरफेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट यानी चैस्ट उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रमा की ऊपरी परत के तापमान की प्रोफाइल बनाई है। इसके जरिए चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने में मदद मिल सकती है।

 

इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था। चास्‍टे के मुताबिक, चंद्रमा की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है।

 

चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, 80 एमएम की गहराई में माइनस 10 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। चास्टे में 10 टेम्परेचर सेंसर लगे हैं, जो 100 एमएम की गहराई तक पहुंच सकते हैं।

प्रज्ञान रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के होने की पुष्टि की; सल्फर-एल्युमिनियम सहित आठ तत्व मौजूद, हाइड्रोजन की खोज जारी

You May Also Like