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पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में प्रोड्यूसर ने दाखिल की याचिका, 12 मई को होगी सुनवाई
The Fact India: पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई है। वजह राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द्र के बिगड़ने का हवाला दिय गया है। फिल्म के प्रोड्यूसर ने दोनों ही राज्यों में फिल्म के बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट 12 मई को याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता के वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच से मामले को तत्काल सुनने की अपील की थी।
वहीं, 15 मई को सुप्रीम कोर्ट में ही फिल्म पर जल्द रोक लगाने के लिए सुनवाई है। फिल्म के रिलीज से केरल हाईकोर्ट के इनकार करने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने इसी दिन साल्वे की याचिका पर भी सुनवाई को कहा। लेकिन साल्वे ने कहा कि बैन के कारण हम हर रोज नुकसान उठा रहे हैं, जिसके बाद कोर्ट 12 मई को सुनवाई के लिए राजी हुआ।
बता दें कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पांच मई को रिलीज हुई थी। इसी दिन केरल हाईकोर्ट ने फिल्म को बैन करने की छह याचिकाओं की सुनवाई के दौरान फिल्म का ट्रेलर देखा था। इसके बाद अदालत ने फिल्म की रिलीज पर रोक से इनकार कर दिया था। इस फिल्म की स्क्रीनिंग पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में बैन कर दी गई है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है। बता दें कि फिल्म केरल के हालात पर आधारित है। केरल में कांग्रेस और दूसरी राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि फिल्म एक समुदाय विशेष को टारगेट कर रही है। राज्य के मुख्यमंत्री ने फिल्म के माध्यम से केरल को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट में जब फिल्म की रिलीज पर रोक की याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की गई, तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा था कि फिल्म बनाने के लिए एक्टर्स और प्रोड्यूसर ने मेहनत की है। आपको यह जरूर सोचना चाहिए। आपको फिल्म पर रोक लगाने के मामले में बहुत सावधान रहना चाहिए। अगर यह फिल्म अच्छी नहीं है तो ये बाजार तय कर देगा।
केरल हाईकोर्ट ने पांच मई को फिल्म को बैन करने की छह याचिकाओं पर सुनवाई की थी। केरल हाईकोर्ट के जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म केवल सत्य घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड ने इसे देखने के बाद रिलीज की इजाजत दी है। किसी समुदाय के लिए इसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं दिख रहा है। किसी भी याचिकाकर्ता ने फिल्म देखी? प्रोड्यूसर कह रहा है कि फिल्म कुछ घटनाओं का काल्पनिक वर्जन है। वो उस टीजर को भी सोशल मीडिया से हटाने को राजी हैं, जिसमें 30 हजार महिलाओं के आईएसआईएस में शामिल होने की बात है।
द केरल स्टोरी को मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी टैक्स फ्री कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, वे अपने कैबिनेट के साथ फिल्म भी देख सकते हैं। फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने बिना देखे फिल्म को बैन कर दिया है। इस फिल्म की वजह से राज्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। यह बैन पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे फिल्म को देखें, फिर कोई फैसला लें। फिल्म मेकर अशोक पंडित ने कहा कि यह बैन अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।