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जातीय गणना जारी रखने के पटना हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित, अब 14 अगस्त को शीर्ष अदालत में मामले में होगी सुनवाई
The Fact India: बिहार में फिलहाल जातीय गणना जारी रहेगी। पटना हाईकोर्ट को फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी। इस मामले में अब 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बिहार में जातीय गणना के जारी रखने के पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एनजीओ 'एक सोच एक प्रयास' की ओर से याचिका दायर की गई थी।
सोमवार को जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट ने कहा कि जनगणना का 80 फीसदी काम तो पूरा हो चुका है। जब दोबारा सुनवाई होगी तो 90 फीसदी पूरा हो जाएगा। क्या फर्क पड़ता है।
जस्टिस संजय खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच याचिका पर सुनवाई करने वाली थी। लेकिन सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका आज सूचीबद्ध नहीं होने के कारण स्थगन की मांग की।
पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अन्य संगठन की ओर से शीर्ष अदालत में अपील की गई है। उक्त संगठन की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने इस पर शुक्रवार या सोमवार को सुनवाई का अनुरोध किया।
बेंच ने सीनियर एडवोकेट के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की और मामले को 14 अगस्त (सोमवार) को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। सुनवाई स्थगित होने से पहले एक अन्य वकील ने बेंच से 'यथास्थिति आदेश' देने का अनुरोध किया।
वकील ने कहा कि इस बीच, मैं बेंच से यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देने का अनुरोध कर रहा हूं। जस्टिस खन्ना ने आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह क्या है? यथास्थिति का कोई सवाल ही नहीं है? हमने नोटिस भी जारी नहीं किया है। हमने आपकी बात नहीं सुनी है। आप बंदूक उछाल रहे हैं।
उधर, हाईकोर्ट के फैसले के चंद घंटे के बाद ही बिहार सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। सरकार ने सभी जिलाधिकारी (डीएम) को आदेश दिया है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार जाति आधारित गणना-2022 के रुके काम को फिर से शुरू किया जाए।