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आरोपियों के मीडिया ट्रायल पर सुप्रीम कोर्ट नाराज; केंद्र से बोला- तीन महीने में मीडिया ट्रायल को लेकर गाइडलाइन बनाएं, न्याय प्रभावित हो रहा
The Fact India: सुप्रीम कोर्ट बुधवार को 2017 से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस दौरान मीडिया ट्रायल को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर मीडिया ब्रीफिंग पर गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के डीजीपी को भी एक महीने के भीतर इस मामले में गृह मंत्रालय को सुझाव देने का निर्देश दिया। इस आदेश पर सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केंद्र जल्द ही मीडिया ब्रीफिंग के संबंध में गाइडलाइन जारी करेगा। अब इसकी अगली सुनवाई जनवरी 2024 के दूसरे हफ्ते में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि मीडिया ट्रायल से किसी पीड़ित या शिकायतकर्ता की गोपनीयता का उल्लंघन होता है। कभी-कभी तो मामले से नाबालिग का संबंध भी होता है। ऐसे में पीड़ित की निजता को प्रभावित नहीं किया जा सकता। हमें पीड़ित और आरोपी दोनों के अधिकारों का ख्याल रखना होगा।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मीडिया ट्रायल से न्याय प्रभावित हो रहा है। किसी भी मामले में पुलिस को कितना खुलासा करना चाहिए, ये तय करने की जरूरत है। इसलिए पुलिस में संवेदनशीलता लाना जरूरी है। इसमें पीड़ितों और आरोपी का हित शामिल है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें आरोपी के अधिकार का भी ध्यान रखना है, क्योंकि वह भी पुलिस की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच का हकदार है। किसी भी मामले में जांच के दौरान अहम सबूतों का खुलासा होने पर जांच प्रभावित हो सकती है। ऐसे में आरोपी का मीडिया ट्रायल होता है तो जांच निष्पक्ष नहीं रह जाती।