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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में तैनात रहेगी सेंट्रल फोर्स; चुनाव आयोग से पूछा- केंद्रीय सुरक्षा बलों से क्या दिक्कत
The Fact India: पश्चिम बंगाल में सेंट्रल फोर्स की निगरानी में पंचायत चुनाव कराने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग की याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर दखल देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा का पुराना इतिहास है। हिंसा के साथ चुनाव नहीं हो सकते। राज्य सरकार को सेंट्रल फोर्स को लेकर एतराज क्यों है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले में सुनवाई की। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में जारी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, चुनाव निष्पक्ष व स्वतंत्र होना चाहिए। हिंसा के साथ चुनाव नहीं हो सकते हैं। लोग अपना नामाकंन नहीं दाखिल कर पा रहे हैं। चुनाव कराना हिंसा करने का लाइसेंस नहीं है।
इससे पूर्व राज्य चुनाव आयोग की ओर से वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय बलों की तैनाती का मुद्दा है। राज्य में हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इस मामले पर जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। कोलकाता हाइकोर्ट के आदेश पंचायत चुनाव में पूरे राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के खिलाफ पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
राज्य चुनाव आयोग 13 जून से सुरक्षा को लेकर असेसमेंट कर रहा था। 15 जून को हाईकोर्ट ने 48 घंटे मे अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का आदेश दे दिया। जस्टिस नागरत्ना ने पूछा कि अभी वहां की जमीनी हकीकत क्या है? बंगाल सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा कि 8 जुलाई को चुनाव होना है। आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है। कुल 189 संवेदनशील बूथ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि हिंसा के साथ चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होना चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग से पूछा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती से आपको क्या दिक्कत है? चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बंगाल में हिंसा का पुराना इतिहास रहा है।