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मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी, कुकी समुदाय का आर्मी प्रोटेक्शन की मांग; हिंसक झड़प में चार लोगों की मौत
The Fact India: मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर 3 मई से हिंसा जारी है। सोमवार को कुकी समुदाय की ओर से आर्मी प्रोटेक्शन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर एक हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। इधर, बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई। एक अन्य का सिर काट दिया गया।
सोमवार को सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक पश्चिम इंफाल जिले में कर्फ्यू में ढील दी गई है। यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूएफएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) ने कांगपोकपी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को खोल दिया है। ये दोनों संगठन कुकी समुदाय से जुड़े हैं।
उधर, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कुंबी में आने वाले इलाके का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय लोगों को सुरक्षा देने का वादा किया। कुकी समुदाय के आर्मी प्रोटेक्शन मांगने की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है।
तीन मई से मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 419 लोग घायल हुए हैं। 65,000 से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 आईपीएस तैनात किए गए हैं।
बता दें कि 30 जून को मणिपुर में हिंसा को देखते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर इस्तीफा सौंपने का मन बना लिया था। तभी सैकड़ों महिलाएं इंफाल में राजभवन के सामने पहुंचीं। महिलाओं ने बीरेन सिंह से इस्तीफा ना देने और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की।