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सोशल मीडिया पर अभद्र और अपमानजनक पोस्ट पर सुप्रीम कोर्ट सख्त; बोला- वल्गर पोस्ट के लिए सजा जरूरी, माफी मांग लेने से नहीं बच सकते
The Fact India: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया पर अभद्र और अपमानजनक पोस्ट के लिए सजा मिलनी जरूरी है। ऐसे लोग माफी मांगकर आपराधिक कार्यवाही से नहीं बच सकते हैं। उन्हें अपने किए का नतीजा भुगतना होगा। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने सोशल मीडिया पर अभद्र और अपमानजनक पोस्ट को लेकर एक याचिका पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिल एक्टर और पूर्व विधायक एस वे शेखर (72) के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया। उनके खिलाफ महिला पत्रकारों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का केस दर्ज है।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक एस वे शेखर के वकील ने कहा कि जैसे ही उन्हें (शेखर) को गलती का अहसास हुआ, तुरंत अपना पोस्ट डिलीट किया और बिना शर्त माफी मांगी। एक्टर ने किसी और का पोस्ट शेयर किया था। शेखर को सोशल मीडिया पर बहुत लोग फॉलो करते हैं, जिसकी वजह से पोस्ट शेयर करते ही वो वायरल हो गया।
शेखर के वकील की दलील पर जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार ने कहा- शेखर ने आखिर बिना पढ़े सोशल मीडिया पर कैसे कंटेंट पोस्ट कर दिया। कोर्ट ने इसके बाद उनके खिलाफ चल रहे मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कानूनी कार्रवाई का सामना करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते वक्त लोगों को बहुत ध्यान देना चाहिए। सोशल मीडिया का इस्तेमाल जरूरी नहीं है, लेकिन अगर कोई करता है तो उसे गलती का खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
बता दें कि मामला 2018 का है। शेखर ने अपने फेसबुक पर महिला पत्रकारों को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक पोस्ट किया था। दरअसल एक महिला पत्रकार ने तमिलनाडु के तत्कालीन गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित पर अभद्रता का आरोप लगाया था।
शेखर ने महिला पत्रकार के इसी आरोप को लेकर अपनी राय दी थी। उनके इस पोस्ट के बाद काफी विवाद हुआ था। डीएमके ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। शेखर ने बाद में माफी मांगी थी और पोस्ट भी डिलीट कर दिया था, लेकिन इस पोस्ट को लेकर उनके खिलाफ तमिलनाडु में केस दर्ज किए गए थे।