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मणिपुर आए म्यांमार के लोगों का बायोमीट्रिक डेटा लेने की प्रक्रिया फिर शुरू; केंद्र सरकार ने इसे सितंबर तक हर हाल में पूरा करने का दिया निर्देश
The Fact India: म्यांमार से मणिपुर आए लोगों का बायोमीट्रिक डेटा लेना शुरू हो गया है। इसका मकसद मणिपुर में अवैध रूप से रह रहे म्यांमार के नागरिकों की पहचान करना है। बायोमीट्रिक पहचान का काम पहले भी चल रहा था, लेकिन राज्य में हिंसा के चलते बंद कर दिया गया था। गृहमंत्रालय के आदेश पर शनिवार को फिर से बायोमीट्रिक डेटा लेने का काम शुरू कर दिया गया। यह काम सितंबर 2023 से पूरा करने को कहा गया है।
गृह मंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के अधिकारियों की टीम मणिपुर भेजी है जो वहां के अफसरों को डेटा कलेक्ट करने की ट्रेनिंग देगी। इससे पहले इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के सांसदों ने हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में दौरा और हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। यह दौरा दो दिन का है।
दौरे पर आए इंडिया के प्रतिनिधिमंडल को इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने चिट्ठी लिखी है। इसमें बताया है कि राज्य में तीन महीने से जातीय हिंसा भड़की है। राज्य के सैन्यागार से हजारों हथियार लूट लिए गए हैं। राज्य के इकलौते हाईवे को बंद कर दिया गया है, जिसके चलते सबसे बड़े जिले चूराचांदपुर में रोजमर्रा की चीजों की कमी हो गई है।
ट्राइबल्स और मैतेई शारीरिक रूप से अलग हैं। हिंसा के बाद इस बात की संभावना नहीं दिखती कि दोनों फिर से साथ रह पाएंगे। हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि संविधान के तहत हमें खुद का शासन करने का अधिकार दें। उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी सांसदों के मणिपुर दौरे पर कहा कि जब पहले की सरकारों के कार्यकाल में मणिपुर जलता था तो ये सांसद पार्लियामेंट में एक शब्द नहीं बोलते थे।