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मणिपुर में हिंसा पर काबू पाया, आठ जिलों में कर्फ्यू जारी, सेना हेलिकॉप्टर से कर रही निगरानी, मेघालय में भी कुकी-मैतेई समुदाय के छात्र भिड़े
The Fact India: मणिपुर में बुधवार रात से जारी हिंसा पर शुक्रवार को काबू कर लिया गया। अब यहां हालात नियंत्रण में है। सेना के हेलिकॉप्टर निगरानी कर रही है। हालांकि प्रदेश के आठ जिलों में अभी भी कर्फ्यू घोषित है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश है। राज्य में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। हिंसा में कुछ लोगों के मारे जाने की सूचना है। हालांकि अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई है। सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मैतेई आरक्षण विवाद को लेकर भड़की हिंसा के बाद राज्य में सेना और असम राइफल्स की टुकड़ी की तैनाती कर दी गई। मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया है। अब तक राज्य में 10 हजार लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया। मेघालय की राजधानी शिलांग में भी कुकी और मैतेई समुदाय के कॉलेज छात्रों में झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों समुदाय के बीच मारपीट भी हुई। पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। बीरेन सिंह ने गुरुवार को एक वीडियो मैसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए आरएएफ की टीमों को भी भेजा है। आरएएफ की पांच कंपनियों को इंफाल एयरलिफ्ट किया गया था। 15 अन्य जनरल ड्यूटी कंपनियों को भी राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
बता दें कि मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (एसटी) का दर्जा दिया जाए।
मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की डिमांड पर विचार करे और चार महीने के भीतर केंद्र को रिकमंडेशन भेजे। इसी आदेश के बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। हिंसा के कारण चूराचांदपुर जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उपद्रवियों ने राज्य के 8 जिलों में सैकड़ों मकान-दुकानों सहित दो दर्जन चर्च को जला दिया। 10 हजार लोग बेघर हुए हैं। सेना ने रात भर ऑपरेशन चला कर लोगों को सुरक्षित कैंप्स में भेजा है।