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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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तापमान में बढ़ोतरी होगी जानलेवा, भारत सहित पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय

तापमान में बढ़ोतरी होगी जानलेवा, भारत सहित पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय
Pooja Parmar
October 10, 2023

दुनिया के तापमान में अगर दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई तो वह करोड़ों लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। खासकर सिंधु नदी घाटी इलाके में रहने वाले भारत-पाकिस्तान के करोड़ों लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। एक नई रिसर्च में यह दावा किया गया है। यह रिसर्च प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुई है। 

रिसर्च में बताया गया है कि वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी से उच्च आर्द्रता के साथ गर्म हवाएं चलेंगी, जो कि मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक होंगी। दरअसल सामान्य तौर पर इंसानी शरीर पसीना निकालकर खुद को ठंडा रखता है लेकिन अगर आर्द्रता ज्यादा होगी और गर्म हवाएं या लू चलेगी तो पसीना जल्दी नहीं सूखेगा, जिसके कारण हीट स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ेगा। रिसर्च के अनुसार, उत्तरी भारत, पूर्वी पाकिस्तान, पूर्वी चीन और अफ्रीका में सब-सहारा इलाके में ज्यादा उच्च आर्द्रता और लू चलेंगी।

रिसर्च में ये भी कहा गया है कि दुनिया के इस इलाके में निम्न और मध्यम आयवर्ग वाले लोग अधिकता में रहते हैं। इन लोगों के एयर कंडीशनर जैसी सुविधाएं ना होने और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते भी ये लोग जानलेवा गर्मी से ज्यादा प्रभावित होंगे। उद्योग क्रांति के बाद से दुनिया का तापमान पहले ही 1.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान पश्चिमी देशों द्वारा उत्सर्जित की गई कार्बन डाइ ऑक्साइड ने दिया हैताम। यही वजह है कि साल 2015 में जब पेरिस समझौता हुआ तो उस समझौते में दुनिया के तापमान को उद्योग क्रांति से पूर्व के तापमान की तुलना में डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी पर रोकना था।

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने आशंका जताई है कि इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। आईपीसीसी ने वैश्विक उत्सर्जन में कटौती करने का सुझाव दिया है। वैश्विक एजेंसियों के मुताबिक बीते चार महीने पहले ही सबसे ज्यादा गर्म महीने रिकॉर्ड किए गए हैं। साथ ही साल 2023 सबसे गर्म साल रिकॉर्ड किया गया है। 

 

तापमान में बढ़ोतरी होगी जानलेवा, भारत सहित पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय

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