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जयपुर: नए जिलों से पहले नए पटवार मंडल और 16 नई तहसीलों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. राजस्व विभाग ने 1035 पटवार मंडल और 16 नए तहसीलों का नोटिफिकेशन कर दिया है. एक तरफ जहां पटवार मंडल खुलने से राजस्व से जुडे काम के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा. वहीं तहसील खुलने से लोगों की परेशानी कम होगी. मुख्यमंत्री गहलोत से मंजूरी के बाद राजस्व विभाग ने नए पटवार मंडलों और नई तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है.
इसे बड़े चुनावी फायदे के रूप में भी देखा जा रहा है. राज्य सरकार के इस फैसले से आमजन को राजस्व, प्रशासनिक और सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्यों में सुगमता होगी. तहसील और पटवार मंडल को प्रशासन की ईकाई माना जाता है. अब लोगों की परेशानी कम होगी. तहसीलों में तहसीलदार और नायब तहसील की पोस्टिंग के साथ ही यहां आम जनता से जुड़े कामकाज होने लगेगा. इसके साथ ही नए जिलों के सीमांकन में भी आसानी रहेगी. अब इन तहसीलों के अनुसार जिलों का फाइनल नोटिफिकेशन होगा. तहसीलों का कार्यक्षेत्र तय होने के साथ ही अब नए जिलों के नोटिफिकेशन को अंतिम रूप देने की तैयारी हो गई है.
बताया जा रहा है कि, जल्द ही नए जिलों की घोषणा हो सकती है. राजस्व विभाग की टीम इसके लिए काम कर रही है. सीएम ने प्रशासनिक इकाइयों के विस्तार कर नए उपखंड, तहसील और उपतहसील की घोषणा की थी. राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार अब टोंक में की अलीगढ़, उदयपुर की घासी, फलासिया,सायरा नई तहसील बन गई हैं. वहीं झुंझुनूं की पिलानी, नागौर की छोटीखाटू तहसील बनी हैं. इसी तरह भरतपुर की जनूथर, रुदावल, जुरहरा नई तहसील, श्रीगंगानगर की गजसिंहपुरा, जोधपुर की चामू नई तहसील, अलवर की प्रतापगढ़ और मांढन नई तहसील बनी हैं. जयपुर की रामपुरा डाबड़ी, जालसू और बीकानेर की हदां नई तहसील बनी हैं. वहीं अब 1035 नए पटवार मंडल की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश में अब 11 हजार 758 से बढकर 12 हजार 793 पटवार मंडल हो गए हैं. नए पटवार मंडल और नई तहसील की अधिसूचना जारी होने के साथ ही अस्तित्व में आ गई हैं. अब राजस्व गांवों के लोगों को स्थानीय स्तर पर ही अपने काम कराने में आसानी होगी. साथ में सरकारी जमीन में हो रहे कब्जे की सीधे मॉनीटरिंग हो सकेगी. जमीन के विवाद मामले भी स्थानीय स्तर पर निपट सकेंगे. निजी भूमि पर सीमा विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी.