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मुख्यमंत्री शिवराज बोले-निजी स्कूल मनमर्जी से ड्रेस कोड लागू नहीं कर सकते, दिए जांच के निर्देश; गंगा जमना स्कूल पहुंची बाल आयोग की टीम
The Fact India: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर में कहा कि कोई भी निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से ड्रेस कोड लागू नहीं कर सकता है। स्कार्फ बांधों या कोई ऐसी कविता गाओ, जिसका भारत की भूमि से कोई संबंध नहीं है, तो यह नहीं चलेगा। ऐसे स्कूल पर हमने जांच के निर्देश दिए हैं। उधर, दमोह के गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन यूनिफॉर्म के साथ पहना जाने वाला स्कार्फ स्वैच्छिक कर दिया है। स्कूल प्रबंधन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भी भेजा है।
बता दें कि दमोह में गंगा जमना स्कूल में पढ़ने वाली हिंदू लड़कियों का हिजाब में फोटो सामने आया था। 10वीं का रिजल्ट आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने टॉपर्स की फोटो जारी की थी। इसमें 18 बच्चों की फोटो हैं। इनमें 15 लड़कियां हैं, ये सभी हिजाब में दिख रही हैं। इनमें चार लड़कियां हिंदू हैं।
शुक्रवार को गंगा जमना स्कूल के डायरेक्टर हाजी मुस्ताक खान ने बताया कि 2010 में स्कूल की स्थापना हुई थी। इस साल हमारे बच्चे काफी अच्छे नंबरों से पास हुए हैं, इसलिए उनका एक फ्लैक्स बनाकर बधाई देने के लिए लगाया गया था। फ्लैक्स में लगी फोटो को लेकर अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो हमें उसके लिए खेद है।
मामले को लेकर शुक्रवार को राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और मेघा पवार स्कूल पहुंचे। बच्चों को स्कार्फ पहनाने का कारण पूछा। इस पर स्कूल प्रिंसिपल अफसा शेख ने कहा कि अभी तक किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई है। यह सुनते ही आयोग अध्यक्ष नाराज हो गए। कहा कि किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई तो क्या बुर्का पहना देंगे। बाद में उन्होंने स्कूल डायरेक्टर इदरीश खान से जवाब मांगा।
इस पर उन्होंने कहा कि यह स्कूल का ड्रेस कोड है। इसके जवाब में उन्होंने कहा हिंदू धर्म में कहीं भी बच्चियों का सिर ढंकने की परंपरा नहीं है। पेरेंट्स का कहना है कि यह स्कार्फ (हिजाब) स्कूल के ड्रेस कोड का हिस्सा है। यह मामला दमोह स्टोरी नाम से वायरल हो गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर को इसकी जांच के आदेश दिए थे।