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हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे मध्य प्रदेश के 24 स्टूडेंट्स कोलकाता पहुंचे, आज शाम आठ बजे तक इंदौर पहुंचने की संभावना, सीएम ले रहे जानकारी
The Fact India: मणिपुर हिंसा में फंसे मध्य प्रदेश के 24 छात्र बुधवार (आज) रात 8 बजे तक इंदौर आ जाएंगे। मंगलवार इन सभी स्टूडेंट्स को लेने इंफाल गए प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसके बाद रात दूसरे प्लेन से गुवाहटी पहुंचे। फिर वहां से उसी रात फ्लाइट से कोलकाता पहुंच गए। बुधवार शाम में कोलकाता से इंदौर के लिए फ्लाइट है। रात आठ बजे तक सभी 24 स्टूडेंट्स के इंदौर पहुंचने की संभावना है।
इससे पहले मंगलवार को सभी स्टूडेंट्स को असम राइफल्स के जवानों की सुरक्षा के बीच इंफाल एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया था। इन छात्रों को इंफाल से गुवाहटी आना था। लेकिन जिस प्लेन से उन्हें गुवाहाटी आना था, उसमें तकनीकी खराबी आ गई। फिर दूसरा प्लेन स्टूडेंट्स को लेने के लिए भेजा गया। इंफाल की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, एनआईटी और ट्रिपल आईटी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स ने मंगलवार रात 9.30 बजे दूसरे प्लेन से इंफाल से उड़ान भरी। रात 10:30 बजे गुवाहाटी पहुंचे। यहां से फ्लाइट के जरिए रात 9.30 छात्र कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचे। कोलकाता में रात्रि विश्राम के बाद छात्रों की फ्लाइट बुधवार शाम 5.45 उड़ान भरेगी। रात 8 बजे तक इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेगी।
छात्र और उनके परिजन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मणिपुर से वापसी के लिए मदद की गुहार लगाई थी। सीएम शिवराज ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह से बात की थी। शिवराज की पहल पर मंगलवार को छात्रों को इंफाल स्थित संस्थानों से असम राइफल्स के जवानों की सुरक्षा के बीच इंफाल एयरपोर्ट पहुंचाया गया था।
मणिपुर से इंदौर आ रहे छात्रों की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ले रहे हैं। मप्र के एसीएस (होम) डॉ. राजेश राजौरा, डीजीपी सुधीर सक्सेना मणिपुर के अफसरों से लगातार संपर्क में हैं। हालांकि, कोलकाता पहुंचने के बाद अब सरकार की चिंता दूर हो गई है।
बता दें कि मणिपुर में मैतेई ट्राइब यूनियन पिछले एक दशक से मैतेई को आदिवासी दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी सिलसिले में उन्होंने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है। इससे आदिवासी भड़क गए। मैतेई और आदिवासियों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।