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चंद्रयान-3 की सफलता पर पूरी दुनिया की नजर, उज्जैन के कुण्डेहश्वर महादेव में अनुष्ठान; चांद की सतह पर सफल लैंडिंग होते ही भारत रचेगा इतिहास
The Fact India: चंद्रयान-3 की सफलता पर देश की ही नहीं, पूरी दुनिया की नजर है। इस मिशन की सफलता के लिए प्रत्येक देशवासी प्रार्थना कर रहे हैं। चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर शुक्रवार को उज्जैन में भी अनुष्ठान-अभिषेक किए गए। यहां सांदीपनि आश्रम स्थित श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक कर चंद्रयान-3 की बिना विघ्न लैंडिंग के लिए मंत्रों का जाप भी किया गया।
करीब चार साल बाद शुक्रवार को इसरो अपने अधूरे काम को पूरा करने जा रहा है। चंद्रयान-3 की लांचिंग के लिए काउंटडाउन जारी है। शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे चंद्रयान-3 लांच होगा। 23-24 अगस्त को जैसे ही यह चांद की सतह पर पहुंचेगा। लैंडर और रोवर चांद के एक दिन यानी धरती के 14 दिन के लिए एक्टिवेट हो जाएंगे। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलते ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
कुण्डेश्वर महादेव मंदिर के पंडित शैलेष व्यास ने बताया कि मंदिर में चंद्रयान के मॉडल को रखकर पूजन किया गया। लैंडिंग की उलटी गिनती शुरू होने के बाद विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए प्रार्थना हुई।
उन्होंने बताया कि इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ बीती 24 मई को उज्जैन आए थे। उन्होंने महाकालेश्वर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए थे। वे श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर भी पहुंचे थे। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान महाकालेश्वर को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है। उन्हें पाताल, धरती और आकाश में सर्वप्रथम और सर्व पूज्य कहा गया है। यही कारण है कि इसरो प्रमुख ने महाकाल मंदिर में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए कामना की थी।
करीब 700 करोड़ रुपए की लागत वाला चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इस मिशन का लैंडर चांद के उस हिस्से तक जाएगा, जिसके बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है। चांद की वीरान और उजाड़ सतह के नीचे कई बहुमूल्य धातुएं मौजूद होने की संभावना है। इनमें सोना, प्लेटिनम और यूरेनियम शामिल हैं। चांद की सतह पर रासायनिक तत्व, मिट्टी और पानी के कण जैसे प्राकृतिक संसाधनों को इसरो के वैज्ञानिक परखेंगे। चंद्रयान-3 के जरिए भारत अपने पड़ोसी चीन को स्पेस में एकतरफा बढ़त लेने से रोकना चाहता है।